गुरुवार, 17 जुलाई 2014

मानसून बुलाने के अजब -गजब टोटके ।

  कहते हैं कि सर्दी, गर्मी और बारिश प्रकृति के हिसाब से आती-जाती हैं। इनमें मनुष्य कुछ नहीं कर सकता है, लेकिन देश के कुछ इलाकों में प्रकृति के इस नियम को बदलने के लिए कई तरह के टोने-टोटकों की परम्परा है। माना जाता है कि इन्द्रदेव को प्रसन्न कर लिया जाए, तो बारिश आती है। इसी क्रम में यूपी और एमपी के कई गांवों में मान्यता है कि अगर महिलाएं रात के समय नग्न होकर खेतों में हल चलाएं तो मानसून आता है। इस पूरे टोटके में महिलाएं समूह बनाकर खेत को घेर लेती हैं जिससे कोई अन्य यह सब देख नहीं पाए। इस दौरान यहां पर पुरूषों का आना-जाना बंद रहता है।
2. मानसून को बुलाने के लिए "बेड़" नाम का एक टोटका भी आजमाया जाता है। विदिशा के एक पठारी कस्बे में किए जाने वाले इस टोटके में ग्रामीण महिलाएं गाजे-बाजे के साथ किसी खेत पर अचानक हमला कर देती हैं। इसके बाद खेत पर काम कर रहे किसी भी किसान को बंधक बना लेती हैं। इसके बाद किसान को गांव में ले जाया जाता है। यहां इस बंधक किसान को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। किसान की विदाई पैसे देकर की जाती है।

3. मध्यप्रदेश के ही इंदौर में मानसून को प्रसन्न करने के लिए एक अजीबोगरीब बारात निकाली जाती है। किसानों और व्यापारियों की ओर से निकाले जाने वाली इस बारात में दूल्हे को घोड़े की बजाय गधे पर बिठाया जाता है। इस बारात में शामिल लोग मस्त होकर डांस भी करते चलते हैं। हालांकि इस दूल्हे को दुल्हन नहीं मिलती है। माना जाता है कि इस टोटके से इन्द्रदेव प्रसन्न होते हैं और बारिश की अच्छी संभावना होती है।
4. भोपाल के मालवा अंचल में जीवित व्यक्ति की शवयात्रा निकाली जाती है। बताया जाता है कि अहिल्याबाई होल्कर के समय से जीवित व्यक्तियों की शवयात्रा निकाली जाती है। इसमें कारोबारी और किसान पीछे-पीछे चलते हैं। हाल में ही खरगोन में एक जीवित महिला की शवयात्रा निकाली गई। 
 
 5. यूपी, बिहार, उड़ीसा और उत्तरपूर्वी राज्यों में अच्छी बारिश के लिए मेंढ़क-मेंढ़की की शादी करवाई जाती है। यह शादी बाकायदा पूरे हिंदू रीति-रिवाजों से की जाती है। गांव के लोग मेंढ़क और मेंढ़की के घरवालों के रूप में बंट जाते हैं। उड़ीसा में तो मेंढ़कों का नाच तक करवाया जाता है।
6. बुंदेलखंड में ही महिलाएं जंगल में जाकर गाकड (बाटी) बनाती हैं और पूरे परिवार के साथ मिल बांटकर खाती है। पूजा पाठ भी करवाया जाता है।
7. मध्यप्रदेश के कई गांवों में शिवलिंग को पूरी तरह से पानी में डूबोकर रखा जाता है। मान्यता है कि इससे मानसून झूम कर आता है

8. मध्यप्रदेश के ही खंडवा जिले के बीड़ में लोग मंदिर परिसर में एक टोटका करते हैं। गांव के लोग मंदिर के आहते में खाली मटके जमीन में गाड़ देते हैं और अच्छे मानसून की कामना करते हैं।
10. मध्यप्रदेश के सागर जिले के राहतगढ़ विकासखंड के शिकारपुर गांव में वहां पड़ रहे सूखे के दौरे के लिए जब 2002 में जनप्रतिनिधि और अधिकारी गांव में पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उन्हें कड़ी धूप में सूखे पेड़ से बांध दिया। ग्रामीणों की मान्यता थी कि इससे सूखा खत्म होगा।