बुधवार, 26 दिसंबर 2012

बैराग्य के भाव

मेरे मन में कभी कभी बैराग्य के भाव उत्पन्न होते है ....और ये भाव उस समय ज्यादा उत्पन्न होता है जब मैं किसी न किसी कारन बहुत परेसान होता हु ....उस समय ऐसा लगता है की छोड़ दो सब कुछ और कही चले जाओ एकान्त में ..और सब कुछ भूल जाओ ....धन ,दौलत ,सुख ,पत्नी ,बच्चे ,,अपना ब्यवसाय ......
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सच में क्या करना चाहिए ..ऐसे समय में ..इस प्रकार के भाव मन से किस तरह से हटाना चाहिए ...या फिर मन जो कहे उसे कर देना चाहिए ...............

!! कांग्रेस की डिवाइड & रूल पोलिसी:!!


1. 2008 के महारास्त्र के इलेक्शन में राज ठाकरे को अपने मीडिया पॉवर से हीरो बनाया। कांग्रेस विरोधी वोट शिव सेना + बीजेपी vs मनस (MNS) में बट गए। सरकार कांग्रेस की बनी। कांग्रेस ने डिवाइड और रूल अपनाया क्योकि 2008 के मुंबई हमलो के बाद कांग्रेस की अपने बलबूते जीतने की सम्भावन बहुत कम थी।

2. 2012 के गुजरात के इलेक्शन में केशु भाई पटेल को अपनी मीडिया पॉवर से हीरो बनाया। कांग्रेस विरोधी वोट बीजेपी और गुजरात विकास पार्टी के बीच बट गए। कांग्रेस को 2 सीट ज्यादा मिले, बीजेपी को 2 सीते कम और कांग्रेस को नेट फायदा हुआ लेकिन सरकार कांग्रेस की नहीं बन पाई। कांग्रेस ने डिवाइड और रूल अपनाया क्योकि नरेन्द्र मोदी के विकास कार्यो के कारन गुजरात में कांग्रेस के जीतने की संभावना बहुत कम थी।
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3. 2014 के लोकसभा इलेक्शन के लिए अरविन्द केजरीवाल को अपनी मीडिया पॉवर से हीरो बनाया। कांग्रेस विरोधी वोट बट रही है "बीजेपी" और "आम आदमी पार्टी" के बीच। कांग्रेस को बहुत ज्यादा फायदा होने की उम्मीद बताई जा रही है। अरविन्द केजरीवाल के सहयोग से 2014 में कांग्रेस की सरकार बंनने के बहुत ज्यादा संभावना है। कांग्रेस फिर से डिवाइड और रुल अपना रही है क्योकि कांग्रेस पार्टी के घोटालो, महंगाई, अत्याचारों इत्यादि के कारन कांग्रेस के जीतने की सम्भावना बहुत कम दिख रही है।

कांग्रेसी मीडिया के दिखावे पर मत जाओ, अपनी अकल लगाओ !
BY.---Arvind Jadoun ji FB .