सोमवार, 24 दिसंबर 2012

!! धन्य है काँग्रेस सरकार !!

नेहरू वकील मगर कभी किसी क्रांतिकारी का केस नहीं लड़ा गोरी औरतों से अँखियाँ लड़ाते रहे। महात्मा गाँधी वकील मगर कभी किसी क्रांतिकारी का केस नहीं लड़ा मगर नेहरू की वकालत खूब करी।
इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, संजय गाँधी अध्याय शुरू होते ही खत्म हो गए।
सोनिया गाँधी जिसका जन्म रहस्यमय, पढाई रहस्यमय, बीमारी रहस्यमय ?
काँग्रेस कि चहेती इन्द्रा गाँधी का स्वरुप प्रियंका गाँधी चुनावी प्रचार का माध्यम भर।
राहुल गाँधी जिसको समझना किसी के बस में ही नहीं है।
... मनमोहन सिंह एक अर्थशास्त्री मगर देश का अर्थशास्त्र आज तक किसी को समझ नहीं आया।
शीला दीक्षित एक महिला मुख्यमंत्री जो कहती है कि 600 रुपये में 5 लोगो का पेट महिना भर भरा जा सकता है जबकि मुस्लिम विधवाओं के लिए इनका खजाना 1500 रुपये प्रति महिला देता है, इनका कहना है कि शाम के बाद महिलाए घर से बाहर ना निकले।
कानून मंत्री सलमान खुर्शीद कानून की धज्जियाँ सरे आम उडाता रहा खुन करने कि धमकी देते हैं। वित्तमंत्री वित्तिय व्यवस्था को सँभालने में नाकाम रहा मगर देश का सर्व्वोच पद सँभालने के बाद से कई पार्टियों की वित्रीय व्यवस्था सुधार दी।
कोयला मंत्री खरबों का कोयला बेच कर दलाली में खा गया, डकार तक नहीं मारी।
नागरिक उड्डयन मंत्री जो कभी किसी पार्टी में उड़ान भरते हैं, तो कभी किसी में।
विदेश मंत्री अपनी विदेश निति की वजह से देश की किरकिरी करते रहे।
खेल मंत्री ने ऐसा खेल खेला कि भारत को ओलम्पिक खेलने पर ही विश्व ओलम्पिक संघ ने प्रतिबन्ध लगा दिया।
रक्षा मंत्री बांग्लादेश से आने वाले बांग्लादेशियों की रक्षा करने के लिए नीतिया बनाते रहे और सैनिको के हाथ में बन्दुक की जगह बांग्लादेशियों की तलाशी लेने वाला इलेक्ट्रोनिक डिवाइस पकड़ा दिया। ....................धन्य है काँग्रेस सरकार...

|| इन्सान एक चेहरे अनेक ||

आज हर आदमी एक चेहरे पर कई चेहरे लगाए घूम रहा है  सायद मैं भी उन्ही लोगो में सामिल हु ..जिससे जीवन के इस खेल में उसके अंदर छिपा असली आदमी कभी भीउजागर हो ही नही पाता ! या यूं कहे कि वह जिंदगी भर एक अच्छा नाट्यकर्मी जरूर बना रहता है! खुद को अनछुआ ही इस दुनिया से रूखसतकर जाता है ! आदमी अपने जीवन को एक ड्राईंग रूम की ही तरह अपने उसूलों से सजाए रहता है! बाकी का असली जीवन को देखने का समयही नहीं मिल पाता!इस नकलीपन से आज हर कोई आदमी को समझने में भारी भूल कर बैठता है!इसीलिए इस दुनिया में आए दिन हमें ऐसेकिस्से देखने को मिलते है कि देवता सा दिखने वाला फलां आदमी शैतान, वहशी निकला ! अर्थशास्त्र का सिद्धांत है कि नकली सिक्के असलीसिक्कों को चलन से बाहर कर देते है
!आज भी कुछ ऐसा ही घटित हो रहा है, असली चरित्रवान आदमी घर में दुबका बैठा है और नकली चरित्र का आदमी धड़ल्ले से चलरहा है! यहां मुझे एक छोटी सी कहानी याद आ रही है! एक सूफी फकीर गुरजियत के बड़े चर्चे थे! चर्चे इस बात के वह किसी को भी अपनाशिष्य बनाने के पहले महिना भर पहले शराब में डुबाए रखते थे! जब कुछ लोगों ने इसका कारण उनसे जानना चाहा तो उनका कहना था आजआदमी बाहर से कुछ अंदर से कुछ और होता है ! आदमी होश में तो बड़ा बनावटी हो सकता है लेकिन शराब के नशे में उसमें छिपा असलीआदमी बाहर आ जाता है! आखिर जिसे मैं अपना शिष्य बनाने जा रहा हूं उसके अंदर छिपा असली आदमी कौन है, कैसा है, पहले में जान तोलू, पहचान तो लू कि वह शिष्य बनने लायक भी है या नहीं ! हो सकता है दुनिया वालों को उनका शिष्य बनाने का यह तरीका उचित न लगे,लेकिन है तो सत्य.....
यूं तो नकली, दिखावटी चरित्र का आदमी हर जगह हर क्षेत्र में मौजूद है लेकिन इसकी सबसे ज्यादा भरमार राजनीति के माध्यम सेसमाजसेवा जैसे पवित्र कार्य में अधिक है जो चिंता का विषय है.....


नोट -- यह ब्लॉग मेरे परम आदरणीय  फेसबुक मित्र श्री............पांडे जी और श्री ,श्री  .............मिश्रा जी को सादर  समर्पित है .....