शनिवार, 14 जुलाई 2012

इन्टरनेट पर सोनिया जी और मनमोहन जी का अपमान क्यों ?

मैं कई महीनो से देख रहा हु की सोसल नेट्वर्किंग साइटों में नेताओं की बिरादरी में सबसे ज्यादा अपमान सोनिया जी और मनमोहन जी की की जा रही है ....जब मैं ये सोचता हु की आखिर यह अपमान क्यों किया जा रहा है .? मन में प्रश्न उठता है की इस अपमान का कारण सिर्फ और सिर्फ इनके कार्यकाल में लिए गए निर्णय से इस देश के आम जनता कही ना कही बहुत दुखी हो रही है .एक तरफ तो 26 और 32 रुपये के आकडे है गरीबो के लिए तो दुसरे तरफ योजना आयोग के 32 लाख में ताईलेट है ....सायद वही पीड़ा यहाँ पर दिखाई देती है सोनिया जी और मनमोहन जी  पर लगातार उबाल खा रहा है.पहले महंगाई की मार आम लोग झेल ही रहे थे कि केन्द्र की कॉंग्रेस सरकार ने विदेशों में काला धन को वापस लाने के मुद्दे पर बाबा रामदेव के अनशन को पुलिस की लाठी के जोर खत्म करा दिया.लोकपाल पर अन्ना को धोखा तो दिया ही,अब धमकी दे रहे हैं कि यदि अन्ना ने फिर से अनशन किया तो उनका भी वही हाल होगा जो रामदेव का हुआ.इस बीच केन्द्र के कई घोटाले भी सामने आये.हद तो तब हो गयी जब गैस व डीजल के दामों में भी भारी बढोतरी कर दी गयी और मार पड़ी लोगों के घर के चूल्हे पर.डीजल के दामों में वृद्धि का असर पूरी महंगाई पर दिखने लगा है.........
         विभिन्न पार्टियों और आम लोगों के द्वारा देश भर में तो सरकार के विरोध में जम कर प्रदर्शन हो ही रहे हैं, पर अपने अंदाज से प्रदर्शन में भारत के इंटरनेट यूजर्स भी पीछे नही है.भारत की सबसे ..लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साईट फेसबुक पर तो यूजर्स ने मर्यादा की सीमाओं का भी उल्लंघन करना शुरू कर दिया है.यहाँ सोनिया और मनमोहन को अत्यंत ही भौंडेपन से दिखाना शुरू हो गया है जिससे ऐसा लगता है कि लोगों के मन में इनके प्रति नफरत और घृणा हद से ज्यादा बढ़ गयी है.फेसबुक पर जारी एक ताजा तस्वीर में सोनिया को अजीब कपड़े में दिखाते हुए बाबा रामदेव और अन्ना को उनके पीछे दिखाया जा रहा है.वहीं जारी एक अन्य तस्वीर में सोनिया और मनमोहन को नाचते हुए दिखाया गया है और तस्वीर पर लिखा गया है, मुन्ना बदनाम................
हुआ मुन्नी तेरे लिए
.वहीं एक अन्य तस्वीर में दोनों नेताओं को आधुनिक कपड़ों में एक दूसरे के करीब दिखाया गया है.इसके अलावे बहुत सी ऐसी ही तस्वीरों को नेटयूजर्स जारी कर रहे हैं और अन्य यूजर्स इन तस्वीरों पर खुल कर टिप्पणीयाँ भी कर रहे हैं....
        अगर देखा जाय तो किसी व्यक्तिविशेष को भौंडे अंदाज में प्रदर्शित करना आपत्तिजनक है....,पर इंटरनेट पर उपयोगकर्ता की स्वछंदता को दायरे में लाना भी काफी कठिन होता है.....वो भी तब जब इस तरह का प्रदर्शन लाखों यूजर्स के द्वारा किये जा रहे हों.यहाँ एक बात और है कि इन्हें रोकने के प्रयास से विवाद और भी बढ़ने की गुंजायश बनती है.................
      जो भी हो, लोग केन्द्र सरकार के प्रति अपने गुस्से का प्रदर्शन अलग-अलग ढंग से तो कर ही रहे हैं, और ये भी बात तय लगती है कि सरकार में महंगाई, भ्रष्टाचार और दमनात्मक कार्यवाही पर अगर शीघ्र रोक नही लगाए जाते हैं, तो अगले 2014 के चुनाव में केन्द्र की कॉंग्रेस सरकार को मुंह की खानी पड़ सकती...............? और इन बातो को हमारी केंद्र सरकार कितना समाजः रही है इसका भी कोई आसार नहीं दिखाई दे रहा है ..अभी अभी कल के ही समाचार में सुन रहा था की अब डीजल के दाम बढाए जायेगे ....अब आप स्वेम निर्णय ले सकते है की डीजल के दाम पढ़ने से यह महगाई कम होगी या बढ़ेगी ? मेरे हिसाब और मेरे गणित से जो निष्कर्ष निकलता है उससे तो यही लगता है डीजल के दाम से भारत की महगाई का बहुत सीधा नाता है ....निश्चय ही यह महगाई और बढ़ेगी ......जनता और नाराज होगी और इसका फायदा विपक्ष ले सकता है ...पर विपक्ष .....को आपस में लड़ने से हे फुर्सत नहीं है तो फायदा कैसे उठाएगा ?  

अभी-अभी का ताजा समाचार है की गैस की सिलेंडर में सब्सिडी ख़त्म कर दिया ....डीजल में 5 रूपये प्रति लीटर बढ़ा दिया ..FDI पर बिना राय मशविरा किये देश पर थोप दिया ...अब अपमान नहीं होगा तो क्या सम्मान मिलेगा इन्हें ?