इंसान की मानसिकता आज इतनी ज्यादा विकृत हो चुकी है कि अपने तुच्छ स्वार्थ और नापाक इरादों को पूरा करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है। इंसान की इसी घिनौनी मानसिकता का ताजा नमूना है बौद्ध संस्कृति के नाम पर भारतीय समाज में पाखंड का प्रचार करना। यह भारत के विरुद्ध एक बेहद ख़तरनाक अंतर्राष्टीय षणयंत्र है जिसमें शामिल हैं भारत के कुछ राष्ट्रद्रोही लालची लोग। इन लोगों का मक़सद है भारतीय समाज में नास्तिकता और पाखंड का ज़हर घोलकर, देश की अखंडता पर चोट करना। अपने इन्ही नापाक इरादों को पूरा करने के लिए इन लोगों ने बौद्ध संस्कृति को अपना प्रमुख हथियार बनाया है। हालांकि ये लोग बौद्ध संस्कृति के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं। बहुत ही अफसोस की बात है कि ये लोग गौतम बुद्ध जैसे महापुरुष को उन्ही की जन्मभूमि भारत के विरुद्ध एक हथियार के रूप में प्रयोग कर रहे हैं।